अक्षय तृतीया पृथ्वी और सूरज मिलकर बनाएंगे अद्भुत नजाराः ‘दा विंची ग्लो’

30 अप्रैल को होगी खास खगोलीय घटना
इस घटना को ‘दा विंची ग्लो’ या ‘दा विंची चमक’ भी कहा जाता है। क्योंकि इसे 1510 के आसपास महान वैज्ञानिक और चित्रकार लियोनार्डो दा विंची ने पहली बार स्केच के जरिए दुनिया के सामने रखा था।
खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए बुधवार, 30 अप्रैल का दिन खास होने जा रहा है। इस दिन देश में हिन्दू धर्म में अबूझ मुहूर्त माना जाने वाला अक्षय तृतीया का पर्व जब मनाया जा रहा होगा, तब आप आसमान में पश्चिम दिशा में अक्षय तृतिया के हंसियाकार चांद को देखेंगे तो पाएंगे कि हंसियाकार भाग तो तेज चमक के साथ दिखेगा, लेकिन हल्की चमक के साथ पूरा गोलाकार चांद भी दिखाई देगा।
इसे अर्थशाईन कहा जाता है। यह घटना आसमान में साल में दो बार होती है। इस घटना के समय चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी लगभग तीन लाख 63 हजार 897 किलोमीटर होगी और इसका 9.9 प्रतिशत भाग ही पूरी तरह प्रकाशित होगा, लेकिन इस खास खगोलीय घटना में चंद्रमा का बाकी अप्रकाशित भाग भी कम चमक के साथ दिख रहा होगा। इसे बिना किसी यंत्र की मदद से खाली आंखों से भी देख सकेंगे।
बुधवार रात लगभग 9:30 बजे तक आप इस अद्भुत नजारे को पश्चिम दिशा में सामान्य आंखों से बिना किसी दूरबीन या यंत्र की मदद के देख सकते हैं।