केदारनाथ में हुआ एक बड़ा हादसा.. घाटी में एक दुखद हेलिकॉप्टर दुर्घटना हुई।

केदारनाथ में हुआ एक बड़ा हादसा.. घाटी में एक दुखद हेलिकॉप्टर दुर्घटना हुई।
आज सुबह, 15 जून 2025 को, केदारनाथ घाटी में एक दुखद हेलिकॉप्टर दुर्घटना हुई। आर्यन एविएशन कंपनी का यह हेलिकॉप्टर केदारनाथ धाम से श्रद्धालुओं को लेकर गुप्तकाशी लौट रहा था, जब गौरीकुंड के पास जंगलों में यह क्रैश हो गया। हादसे में पायलट समेत 7 लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक 23 महीने की बच्ची भी शामिल है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, खराब मौसम और कम दृश्यता को हादसे की मुख्य वजह माना जा रहा है।
स्थानीय नेपाली महिलाओं ने हेलिकॉप्टर क्रैश की सूचना दी, जिसके बाद NDRF और SDRF की टीमें राहत-बचाव कार्य के लिए पहुंचीं। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है, लेकिन जलने के कारण पहचान में मुश्किल हो रही है, इसलिए डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे पर दुख जताया और हेली सेवाओं की जांच के साथ नई SOP बनाने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल, चारधाम यात्रा में हेलिकॉप्टर सेवाओं पर रोक लगा दी गई है।
यह इस साल का पांचवां हेलिकॉप्टर हादसा है, जिसने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे पहले 7 जून को भी एक हेलिकॉप्टर की आपात लैंडिंग हुई थी, लेकिन उसमें कोई हताहत नहीं हुआ था।
केदारनाथ हादसे के पायलट राजवीर हाल ही में जुड़वा बच्चों के बने थे पिता।
केदारनाथ से यात्रियों को लेकर आ रहा हेलीकॉप्टर गौरीकुंड के पास क्रैश हो गया है। हेलीकॉप्टर क्रैश में जयपुर के राजवीर की मौत हुई है। राजवीर सिंह चौहान आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल थे और 14 साल आर्मी को सेवा देने के बाद रिटायर हुए थे। कुछ माह पहले ही आर्यन कंपनी में एविएशन पायलट लगे थे।
4 माह पहले ही राजवीर की पत्नी ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। राजवीर सिंह चौहान की पत्नी दीपिका चौहान भी सेना में पायलट है। बताया जा रहा है कि राजवीर क्रैश हुए हेलीकॉप्टर के पायलट थे।
सेना में करीब 14 वर्षों तक सेवाएं देने के बाद राजवीर सिंह चौहान पायलट के रूप में नागरिक उड्डयन क्षेत्र से जुड़े थे। परिवार के करीबी सूत्रों के मुताबिक, राजवीर सिंह कुछ ही महीने पहले जुड़वां बच्चों के पिता बने थे, जिससे घर में खुशी का माहौल था। हेलीकॉप्टर में सवार सभी यात्री श्रद्धालु बताए जा रहे हैं, जो बाबा केदारनाथ के दर्शन कर लौट रहे थे। हादसे की वजह तकनीकी खराबी या मौसम की वजह से हुई, इसकी पुष्टि जांच के बाद ही हो पाएगी।
2 हजार घंटे से ज्यादा उड़ान का था अनुभव
पायलट राजवीर सिंह का परिवार राजधानी जयपुर के शास्त्री नगर इलाके में रहता है। वह अपनी पत्नी, अपने माता-पिता और भाई के साथ रहते थे। राजवीर सिंह 2 हजार घंटे से ज्यादा उड़ान का अनुभव रखते थे। वे इंडियन एयरफोर्स में कैप्टन भी रह चुके हैं। अक्टूबर 2024 में सिंह ने हेलिकॉप्टर एविएशन कम्पनी ज्वाइन की थी।
केदारनाथ घाटी का मौसम खराब होने की दी थी जानकारी
राजबीर सिंह की अंतिम बार आगे चल रहे हेलीकॉप्टर के पायलट से बात हुई थी। उन्होंने बादलों की धुंध और मौसम खराब होने से वापस लौटने की भी कही थी। इसके बाद दूसरे हेलीकॉप्टर के पायलटों से संपर्क नहीं हो सका, जिसके बाद दूसरे हेलीकॉप्टर के पायलट ने DGCA को सूचना दी। फिलहाल उत्तराखंड इलाके में सर्च ऑपरेशन लगातार जारी है। मौत की सूचना मिलने पर इलाके के लोग घर पर सांत्वनता देने के लिए पहुंच रहे हैं।
गढ़वाल रेंज के आईजी राजीव स्वरूप ने बताया कि सभी शव बुरी तरह जले हुए हैं, और उनकी पहचान करना मुश्किल हो रहा है। परिजनों को शव सौंपने से पहले डीएनए टेस्ट कराया जाएगा।
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