भारत के ऑटो सेक्टर के लिए रिकॉर्ड तोड़ दिन: GST 2.0 ने बिक्री में उछाल लाया..

टॉप-3 कंपनियों ने एक दिन में 51 हजार कारें बेचीं:GST घटने से दाम 4 साल पहले के बराबर हुए, मारुति का 30 साल पुराना रिकॉर्ड टूटा..
22 सितंबर, 2025 को—नवरात्रि के पहले दिन और GST 2.0 सुधारों की प्रभावी तिथि—भारत के यात्री वाहन बाजार में अभूतपूर्व उछाल देखा गया। शीर्ष तीन वाहन निर्माताओं ने सामूहिक रूप से लगभग 51,000 कारों की डिलीवरी की, जो कीमतों में कटौती के कारण संभव हुई, जिससे कई मॉडल 2021 (मुद्रास्फीति से पहले और GST बढ़ोतरी से पहले) के स्तर पर वापस आ गए। इस उन्माद ने मारुति सुजुकी के 30 साल पुराने एक दिन की डिलीवरी के रिकॉर्ड को तोड़ दिया, जिससे किफायती परिवहन की उपभोक्ता मांग में भारी उछाल आया।
शीर्ष 3 कंपनियां और उनकी ऐतिहासिक डिलीवरी
इस उछाल का नेतृत्व बाजार की अग्रणी कंपनियों मारुति सुजुकी, हुंडई मोटर इंडिया और टाटा मोटर्स ने किया, जिनके संयुक्त उत्पादन ने देश भर के शोरूमों में “मेगाबूम” को चिह्नित किया।
किफायती परिवहन की उपभोक्ता मांग में भारी उछाल आया।
शीर्ष 3 कंपनियां और उनकी ऐतिहासिक डिलीवरी
इस उछाल का नेतृत्व बाजार की अग्रणी कंपनियों मारुति सुजुकी, हुंडई मोटर इंडिया और टाटा मोटर्स ने किया, जिनके संयुक्त उत्पादन ने देश भर के शोरूमों में “मेगाबूम” को चिह्नित किया। यहाँ एक विस्तृत विवरण दिया गया है:
कंपनी एक दिन की डिलीवरी (22 सितंबर, 2025) | मुख्य हाइलाइट्स
| मारुति सुजुकी | ~30,000 कारें | 30+ साल का रिकॉर्ड तोड़ा; 80,000 पूछताछ; 18 सितंबर से 75,000 बुकिंग (15,000/दिन, +50% सालाना); छोटी कारों की मांग में 50% की वृद्धि। |
| हुंडई मोटर इंडिया | ~11,000 कारें | 5 वर्षों में सबसे अधिक एकल-दिवसीय बिलिंग; क्रेटा और वेन्यू जैसे मॉडलों की मजबूत मांग। |
| टाटा मोटर्स | ~10,000 कारें | कंपनी के लिए व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ; शुरुआती मूल्य कटौती (नेक्सन जैसे मॉडलों पर ₹1.55 लाख तक की छूट) का नेतृत्व किया। |
| कुल | ~51,000 कारें | एक दिन में भारत की मासिक पीवी बिक्री के ~20% के बराबर; त्यौहारी + कर राहत का संयोजन। | ये आँकड़े केवल थोक डिस्पैच ही नहीं, बल्कि खुदरा डिलीवरी (डीलर बिलिंग) को भी दर्शाते हैं, जो वास्तविक उपभोक्ता आकर्षण को दर्शाता है। मारुति के विपणन और बिक्री के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी, पार्थो बनर्जी ने इस प्रतिक्रिया को “अभूतपूर्व – ऐसा कुछ जो हमने पिछले 35 वर्षों में नहीं देखा” बताया।
कीमतें 2021 के स्तर पर क्यों लौटीं: जीएसटी 2.0 का प्रभाव
भारत की जीएसटी परिषद ने 22 सितंबर, 2025 से प्रभावी कर ढांचे में व्यापक बदलाव किया है, स्लैब को सरल बनाया है और वाहनों पर 1-22% क्षतिपूर्ति उपकर को समाप्त किया है। इससे प्रभावी कर दरें कम हो गईं:
– छोटी कारें (4 मीटर से कम, <1,200 सीसी इंजन): 28% जीएसटी + 1-3% उपकर (कुल 29-31%) से 18% फ्लैट – 13% तक की राहत।
– मध्यम आकार की एसयूवी/सेडान (4-4.3 मिलियन): 28% + 17% उपकर (45%) से 40% तक – लगभग 5% शुद्ध कटौती।
– हाइब्रिड और बड़े वाहन: उपकर हटाने के माध्यम से 2-3% की मामूली राहत।
जीएसटी से पहले (2017) और जीएसटी के बाद की शुरुआती कीमतों में बाद में उपकर वृद्धि और कोविड-काल में आपूर्ति संबंधी समस्याओं के कारण बढ़ोतरी हुई थी। अब, मारुति स्विफ्ट या टाटा पंच जैसे मॉडल 2021 की तुलना में एक्स-शोरूम लगभग 10-15% सस्ते हैं, जिससे बढ़ती आय और त्योहारी माहौल के बीच ये किफायती हो गए हैं। वाहन निर्माताओं ने पूरा लाभ दिया:
– मारुति: ₹1.10 लाख तक की छूट (उदाहरण के लिए, ब्रेज़ा -₹48,000, स्विफ्ट -₹81,000)।
– हुंडई: ₹1.1 लाख तक (क्रेटा -₹1.1 लाख)।
– टाटा: ₹1.55 लाख तक (नेक्सन -₹1.1 लाख)।
इससे पहली बार कार खरीदने वालों और नई कारें खरीदने वालों में उत्साह बढ़ा है, और छोटी कारों की बिक्री में सबसे ज़्यादा उछाल आया है।
ऑटो उद्योग पर व्यापक प्रभाव
– त्योहारी मौसम: विश्लेषकों के अनुमान के अनुसार, नवरात्रि-दिवाली की बिक्री 8-9 लाख यूनिट (पिछले साल 7 लाख यूनिट की तुलना में) तक पहुँच सकती है।
– शेयर बाज़ार में तेज़ी: मारुति (घोषणा के बाद से +20%) और टाटा मोटर्स जैसे ऑटो शेयरों में अपसाइकल की उम्मीदों के चलते उछाल आया।
– शीर्ष 3 के अलावा विजेता: महिंद्रा, किआ और टोयोटा ने भी शुरुआती बढ़त दर्ज की, और कुल उद्योग पूछताछ में 40-50% की वृद्धि हुई।
यह सिर्फ़ एक दिन की तेज़ी नहीं है—जीएसटी 2.0 भारत के ऑटो बाज़ार में 8-10% की निरंतर वृद्धि की संभावना को दर्शाता है, जिससे निर्यात और सहायक उपकरणों को भी बढ़ावा मिलेगा। अगर आप कोई कार खरीदने की सोच रहे हैं, तो जल्दी करें: लोकप्रिय मॉडल पहले से ही स्टॉक की कमी का सामना कर रहे हैं।